इक्कीस के इक्कीस कवि
गत वर्ष भारत भवन, भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम ‘उन्मेष’ में प्रख्यात कवि-लेखक राजेश जोशी ने इस सदी यानी इक्कीसवीं सदी में लिखी जा रही कविता और इस सदी में सामने आए कवियों को इसक प्रत्यय के अंतर्गत रखने का सुझाव दिया। इसक—इक्कीसवीं सदी की कविता का संक्षिप्त रूप है।
हिन्दवी ने इसक को अपनी मुख्य योजना में सम्मिलित किया है। यह हमारा वार्षिक आयोजन होने जा रहा है। इसकी शुरुआत इसक-2021 से हो रही है। हम ऐसे इक्कीस कवियों के नाम और उनकी कविताएँ प्रस्तुत कर रहे हैं जिन्होंने गए इक्कीस वर्षों में हिंदी कविता संसार में अपनी अस्मिता और उपस्थिति को पाया और पुख़्ता किया है। हमारी कोशिश है कि नव वर्ष के आरंभिक इक्कीस दिनों में हम इन इक्कीस कवियों को और जान सकें। इस प्रसंग में इन कवियों के साक्षात्कार, उनका गद्य, उनके उद्धरण, पॉडकास्ट, वीडियो, कार्ड्स… हम अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर जारी करेंगे। हमारा यह भी यत्न है कि हिंदी की आलोचना और समीक्षा-पद्धति भी कुछ बदले और इन कवियों पर विस्तार से बात हो सके। इस प्रकार संभवतः बग़ैर आलोचना के ही हिंदी में महत्त्वपूर्ण कवि मान लिए जाने का प्रचलन समाप्त हो।
बहरहाल, 2021 के लिए हिन्दवी की इसक-सूची यह है :
महेश वर्मा
गीत चतुर्वेदी
मोनिका कुमार
व्योमेश शुक्ल
बाबुषा कोहली
मनोज कुमार झा
वीरू सोनकर
कुमार अनुपम
अनुराधा सिंह
अम्बर पांडेय
विजया सिंह
सुधांशु फ़िरदौस
लवली गोस्वामी
उस्मान ख़ान
जसिंता केरकेट्टा
रवि प्रकाश
शुभम श्री
गौरव सोलंकी
अनुज लुगुन
विहाग वैभव
अदनान कफ़ील दरवेश
प्रस्तुत सूची हिन्दवी ने हिंदी साहित्य संसार में सक्रिय महत्त्वपूर्ण रचनाकारों, आलोचकों और संपादकों से परामर्श के पश्चात पूर्ण की है।
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इसक समग्र के लिए यहाँ देखें : इसक-2021