ईश्वर अनाम न रहे, इसीलिए देवता हैं
साहित्य हमें पानी नहीं देता, वह सिर्फ़ हमें अपनी प्यास का बोध कराता है। जब तुम स्वप्न में पानी पीते हो, तो जागने पर सहसा एहसास होता है कि तुम सचमुच कितने प्यासे थे।
अच्छी कहानी वही है दोस्तों जिसके किरदार कुछ अप्रत्याशित काम कर जाएँ। इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि नरेशन अच्छा हो तो झूठी कहानियों में भी जान फूँकी जा सकती है। यह भी कि अगर आपके पास कहानी है तो सबसे पहले कह डालिए।
साहित्य हमें पानी नहीं देता, वह सिर्फ़ हमें अपनी प्यास का बोध कराता है। जब तुम स्वप्न में पानी पीते हो, तो जागने पर सहसा एहसास होता है कि तुम सचमुच कितने प्यासे थे।
विवेक अपने उदय के बाद जैसे-जैसे परिवर्तित, परिष्कृत और विकसित हुआ; वैसे-वैसे ही अविवेक भी परिवर्तित, परिष्कृत और विकसित हुआ। एक दौर में अज्ञान पर विजय हासिल करते हुए अर्जित की गईं संसार की सबसे बड़ी उपलब्धियों को ध्यान से जाँचने पर ज्ञात होता है कि संसार की सबसे बड़ी मूर्खताएँ भी इन्हीं उपलब्धियों के आस-पास घटी हैं।
उनका पूरा नाम विश्वनाथ शर्मा ‘विमलेश’ था। ‘विमलेश राजस्थानी’ भी उन्हें कहा जाता था और कवियों के बीच वह विमलेशजी के नाम से मशहूर थे। विमलेशजी की चार लाइनों और उनके पढ़ने की नक़ल करने वाले सुरेंद्र शर्मा को जानने वाले यह नहीं जानते कि छठवें और सातवें दशक के कवि-सम्मेलनों के विमलेशजी सितारा कवि थे।
समाज में उत्पन्न त्रुटियों का बड़ा ही वैज्ञानिक विकास हुआ है और इसे समझ लेने पर ही हम अपनी ओर से अपने मानव बंधुओं की मानसिकता को समझने में कामयाब हो सकते हैं, क्योंकि हमारी बुर्जुआ व्यवस्था हमें इस आर्थिक तंगी से निकाल नहीं सकती; इसीलिए इसे कोई हक़ नहीं है कि अपनी राजनैतिक व्यवस्था क़ायम रखे।
रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन और साहित्य एक ऐसे सतरंगी इंद्रधनुष की तरह है जिसमें मानव और मानवेतर संवेदनाओं का गाढ़ापन है, रूढ़ियों और जीर्ण परंपराओं से विद्रोह का तीखा रंग है, धार्मिक और सांप्रदायिक दुर्भावनाओं का प्रत्याख्यान है और समाजवाद और मानववाद का अद्भुत सहमेल है।
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।