मलयज की स्त्री-दृष्टि
संसार का बहुत सारा गद्य इस प्रकार प्रारंभ होता रहा है कि उसके पहले वाक्य में ही मौसम और समय प्रकट हो जाएँ। यह गद्य से गुज़र रहे व्यक्तित्व को एक तय प्रभाव में बाँधने का एक बहुत रूढ़ नुस्ख़ा है।
अच्छी कहानी वही है दोस्तों जिसके किरदार कुछ अप्रत्याशित काम कर जाएँ। इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि नरेशन अच्छा हो तो झूठी कहानियों में भी जान फूँकी जा सकती है। यह भी कि अगर आपके पास कहानी है तो सबसे पहले कह डालिए।
संसार का बहुत सारा गद्य इस प्रकार प्रारंभ होता रहा है कि उसके पहले वाक्य में ही मौसम और समय प्रकट हो जाएँ। यह गद्य से गुज़र रहे व्यक्तित्व को एक तय प्रभाव में बाँधने का एक बहुत रूढ़ नुस्ख़ा है।
हिंदी में कविता-पाठ के बारे में कभी विचार नहीं किया जाता। हमारा कविता-पाठ अक्सर बल्कि अधिकतर इतना नीरस, उबाऊ और अनाकर्षक क्यों होता है? दिनोदिन उसका श्रोता समाज कम हो रहा है।
मेरी आधुनिकता की एक चिंता यह है कि उसमें लालमोहर कहाँ है? मेरी बस्ती के आख़िरी छोर पर रहने वाला लालमोहर वह जीती-जागती सचाई है, जिसकी नीरंध्र निरक्षरता और अज्ञान के आगे मुझे अपनी अर्जित आधुनिकता कई बार विडम्बनापूर्ण लगने लगती है।
कम बोलना चाहिए। ऐसा इसलिए कि कविता में बोले जाने की बात को ‘कह’ देने की गुंजाइश बनी रहती हैं।
कविता में हम तो वही विचार, वही अर्थ, वही भाव लिखते हैं जो हम लिखना चाहते हैं, जो हमारे मन में हैं, जो हमें उस वक़्त जकड़े हुए हैं? लेकिन यह बात सही नहीं है। कोई नादान कवि या पाठक ही ऐसी बात कर सकता है।
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