विचारों में कितनी भी गिरावट हो, गद्य में तरावट होनी चाहिए

अच्छी कहानी वही है दोस्तों जिसके किरदार कुछ अप्रत्याशित काम कर जाएँ। इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि नरेशन अच्छा हो तो झूठी कहानियों में भी जान फूँकी जा सकती है। यह भी कि अगर आपके पास कहानी है तो सबसे पहले कह डालिए।

‘मेरी सारी कविताएँ मेरे प्रेम की कविताएँ हैं’

नरेश सक्सेना से अविनाश मिश्र की बातचीत

नरेश सक्सेना एक ऐसे विलक्षण कवि हैं, जिन्हें अपनी लगभग समग्र काव्य-पंक्तियाँ और उनके स्रोत याद हैं। वह कविता में ‘कम’ के पक्षधर हैं, लेकिन वार्तालाप में बेहद मुखर हैं; इतने कि सारे प्रश्न पहले से ही जान लेना चाहते हैं।

क्या हम समय, स्थान और लोगों को पहचान रहे हैं

इस अस्पताल में आने वाले मरीज़ों की सामाजिक-आर्थिक प्रोफ़ाइल का डेटाबेस बनाया जाए तो पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के एक बड़े हिस्से के बारे में चौंकाने वाले खुलासे होंगे।

हिंसा और बर्बरता के आवरण में प्रेम और सौंदर्य की कल्पना

किम की डुक का सिनेमा सही मायनों में और मुख्यत: वीभत्स रस का सिनेमा है। इस निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए दर्शक को किसी ख़ास सिनेमाई समझ की ज़रूरत नहीं।

‘हिंदी के लेखक अलग-अलग क्षेत्रों के ड्रॉपआउट्स हैं’

उदय प्रकाश से दिनेश श्रीनेत की बातचीत

उदय प्रकाश से संवाद एक मुश्किल काम है। उनकी शख़्सियत में ‘अनिश्चितता’ का अंडरटोन है। वह खुलते हैं तो बहुत सहज दिखते हैं, मगर कभी-कभी एक कठिन चुप्पी उन पर हावी हो जाती है।

मैं अब हर घर को उल्टा देखना चाहती हूँ

केंद्र का न रहना, संवाद का न होना, कितना डरावना होता है—यह मैंने इस उल्टे घर में महसूस किया।

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