इक्कीसवीं सदी की स्त्री-कविता : 2
वह दौर जब स्त्री-कवियों के नाम शुरू होते ही समाप्त हो जाते थे, अब विचार का अकादमिक विषय हो चुका है। अब हमारा सामना हिंदी कविता की एक बिल्कुल नई सृष्टि से है, जहाँ एक नई स्त्री है—अपनी बहुसंख्य अभिव्यक्तियों के साथ।
By अविनाश मिश्र
मार्च 8, 2022