साथ निभाने की कला

सम्बन्धों के बिना मानव जीवन कितना शांत और सरल है। लेकिन ऐसी शांति और सरलता किस काम की जिसमें मानव किसी से दो बातें न कह सके। किसी के ऊपर चिल्ला न सके। उससे झगड़ न सके। झापड़ न मार सके या बदले में उससे झापड़ न खा सके। और अगले ही क्षण उसे प्रेम न कर सके।