नकार को दिसंबर की काव्यात्मक आवाज़

दुनिया वही नहीं रह जाती पहले जैसी, जब उसमें एक अच्छी कविता जुड़ जाती है। सविता सिंह और पंकज सिंह के बारे में यह बात विश्वास से कही जा सकती है जो कभी सोनिया सैंचेज़ ने कही थी कि सारे कवि, कवयित्री और लेखक राजनीतिक होते हैं। या तो वे यथास्थिति को बनाए और बचाए रखना चाहते हैं या फिर वे यह सोचते हैं कि कहीं किसी रूप में कुछ तो ग़लत हो रहा है और इसको बेहतर बनाया जाना हमारा कर्त्तव्य है।

‘प्रेम में मरना सबसे अच्छी मृत्यु है’

सविता सिंह के इस संग्रह की कविताओं में करुण भाव के साथ-साथ हम जीवन के प्रति एक निसंग भाव भी महसूस करते चलते हैं। ऐसी मनःस्थिति अक्सर जीवन के प्रति एक गहरे लगाव के बाद किसी गहरे आघात से पैदा होती है। लेकिन इस निसंगता का अर्थ अवसाद एवं कर्तव्य विमुखता नहीं है। यह ज़िंदगी के संघर्षों से पलायन नहीं है।

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