मैं विवेक के साथ क्षण को जीता हूँ

प्रियंवद (जन्म : 1952) समादृत साहित्यकार हैं। वह कथा और कथेतर तथा संपादन और सांस्कृतिक सक्रियता के मोर्चों पर अपनी मिसाल आप हैं। जीवितों के हिंदी कथा संसार में वह अकेले हैं जिनके पास सर्वाधिक स्मरणीय, उल्लेखनीय और चर्चित कहानियाँ हैं। आज उनका 70वाँ जन्मदिन है। उन्हें मंगलकामनाएँ देते हुए यहाँ प्रस्तुत है उनसे एक नई और विशेष बातचीत :