इसक की तीसरी सूची

ज्ञानरंजन ने अपने एक वक्तव्य में कहा है : ‘‘सूची कोई भी बनाए, कभी भी बनाए, सूचियाँ हमेशा ख़ारिज की जाती रहेंगी; वे विश्वसनीयता पैदा नहीं कर सकतीं—क्योंकि हर संपादक, आलोचक के जेब में एक सूची है।’’

इस तीखी सचाई से परिचित होने के बावजूद हम फिर उपस्थित हैं। वर्ष 2021 और 2022 में हमने हिन्दवी पर इसक के अंतर्गत ऐसे 21 कवियों की कविताएँ प्रस्तुत कीं, जिन्होंने गए इक्कीस वर्षों में हिंदी-कविता-संसार में अपनी अस्मिता और उपस्थिति को पाया और पुख़्ता किया। इसक—यानी इक्कीसवीं सदी की कविता का संक्षिप्त रूप—की परिकल्पना को प्रकट और स्पष्ट करते हुए हम कहते आए हैं कि इसक हमारी मुख्य योजनाओं में सम्मिलित है और यह हमारा वार्षिक आयोजन है। इस प्रसंग में ही अब प्रस्तुत है—इसक-2023

इसक की इस तीसरी सूची में हम 21 ऐसे कवियों की कविताएँ प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनमें से कुछ के पहले कविता-संग्रह 2022 में प्रकाशित हुए हैं, कुछ हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और वेबसाइट्स में/पर नियमित और भरपूर प्रकाशित हुए हैं, तो कुछ ने सीधे ‘फ़ेसबुक’ पर कविताएँ रचकर अपनी रचनात्मक अस्मिता अर्जित की है। यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि इन कवियों में कोई भी कवि सीधे तौर पर हिंदी विभाग से संबद्ध नहीं है। भिन्न-भिन्न भौगोलिकताओं से आते और उनमें सतत भटकते, विस्थापित होते हुए इनके सामने जीवन और आजीविका से जूझने के अनिवार्य प्रश्न और संकट बने हुए हैं। इन प्रश्नों के बीच इनमें से कुछ कवि ज्ञान के विभिन्न अनुशासनों में काम कर रहे हैं और ख़ुद को एक बड़ा काम करने के लिए तैयार कर रहे हैं।

इसक-2021 और इसक-2022 की तरह ही इसक-2023 के संदर्भ में भी हमारी कोशिश है कि नव वर्ष के आरंभिक 21 दिनों में हम इन 21 कवियों को और जान सकें। इस प्रसंग में इन कवियों से बातचीत, उनका गद्य, उनके उद्धरण, वीडियो, कार्ड्स… हम अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर जारी करेंगे। इस क्रम में हम अपना वार्षिक संकल्प भी दुहराते हैं कि हमारा यह भी यत्न है कि हिंदी की आलोचना और समीक्षा-पद्धति भी कुछ बदले और इन कवियों पर विस्तार से बात हो सके। इस प्रकार संभवतः बग़ैर आलोचना के ही हिंदी में महत्त्वपूर्ण कवि मान लिए जाने का प्रचलन समाप्त हो।

बहरहाल, वर्ष 2023 के लिए हिन्दवी की इसक-सूची यह है :

अंचित
अनिल कार्की
अमन त्रिपाठी
आसित आदित्य
गोविंद निषाद
जावेद आलम ख़ान
ज़ुबैर सैफ़ी
देवेश पथ सारिया
निखिल आनंद गिरि
पंकज प्रखर
प्रज्ञा सिंह
प्रज्वल चतुर्वेदी
प्रदीप सैनी
प्रिया वर्मा
राजेश कमल
वसु गंधर्व
शचींद्र आर्य
शुभम नेगी
सुमित त्रिपाठी
सोमप्रभ
सौम्य मालवीय

प्रस्तुत सूची हिन्दवी ने हिंदी-साहित्य-संसार में सक्रिय महत्त्वपूर्ण रचनाकारों, आलोचकों और संपादकों से परामर्श के पश्चात पूर्ण की है।

इस सदी की हिंदी कविता को व्यापक स्थान और प्रसार मिले, हिन्दवी की यह आकांक्षा अपने आरंभ से ही रही है। इस सिलसिले में स्त्री-कवियों पर एकाग्र एक भिन्न और विशिष्ट आयोजन नई सृष्टि नई स्त्री शीर्षक से हमने महिला दिवस के अवसर पर मार्च-2021 में संभव किया, उसकी दूसरी कड़ी मार्च-2022 में प्रस्तुत की, इसकी तीसरी कड़ी मार्च-2023 में प्रस्तुत करना हमारी योजनाओं में है। इस प्रक्रिया में नामों के दुहराव से हम भरपूर बच रहे हैं, इसलिए यहाँ प्रस्तुत सूची में स्त्री-कवियों की संख्या कम है। इस अर्थ में देखें तो इक्कीसवीं सदी की हिंदी कविता का पूरा दृश्य समझने के लिए हमारा आग्रह है कि कविता-प्रेमी पाठक हमारे दोनों वार्षिक आयोजनों—इसक और नई सृष्टि नई स्त्री—से गुज़रें।

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इसक समग्र के लिए यहाँ देखें : इसक-2021इसक-2022इसक-2023