वसंत की चोट सबसे मारक होती है
वसंत के गर्भ में गर्मियों के बीज होते हैं। आने वाली बेदर्द लू अपने पाँव सिकोड़े सुस्ता रही होती है। उसके चेहरे पर गुज़री सर्दी की ठिठुरती खरोंचें हैं। मैं मानती हूँ कि वसंत को देखने का यह बीमार तरीक़ा है, लेकिन यहाँ कौन बीमार नहीं है। महत्त्वकांक्षाओं से लस्त-पस्त लोग मुझे कभी स्वाभाविक नहीं लगे। मैं स्मृतियों के बोझ से पीड़ित हूँ।