निराशा जब आती है

भागने से थकान होती है। पेड़ नहीं भागते। अपनी जगह पर खड़े रहते हैं। वे न हत्या करने जाते हैं और न अपने हत्यारों से भाग पाते हैं। मैं किसी पेड़ को नहीं जानता। तय है कि कोई पेड़ भी मुझे नहीं जानता। वे निहत्थे खड़े हैं।