प्रभात कुमार

नई पीढ़ी के रचनाकार। प्रतिष्ठित प्रकाशन माध्यमों पर कुछ आलेख प्रकाशित।

पुकार, जो अनंत कामनाओं का अक्षत जंगल है

कविता शब्द-संभवा है। कविता शब्दों के ज़रिए ही संभव होती है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने भी ‘कविता क्या है’ में लिखा है कि कविता शब्दों का व्यापार है। इसलिए शब्द कवि के सबसे महत्त्वपूर्ण औज़ार होते हैं।

यादों के कवि की याद में

विस्मरण या भूलना एक स्वाभाविक मानसिक क्रिया है। हमारे मष्तिष्क की कार्य-पद्धति ऐसी है कि वह पुरानी होती स्मृतियों को भुलाता जाता है, और इस प्रकार नई स्मृतियों के लिए स्थान बनाता जाता है।

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