तिहत्तर वर्ष के देश में बहत्तर वर्ष का कवि
मंगलेश डबराल की समग्र कविता के बारे में जब ख़ुद से सवाल पूछती हूँ कि यह इतनी असरदार क्यों है तो एक जवाब यह मिलता है कि यह कवि निडर और निःशस्त्र होकर ख़ुद पर जीवन का असर पड़ने देता था…
By मोनिका कुमार
दिसम्बर 13, 2020