डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूँगा हो जाता है
प्रेमचंद (1880–1936) हिंदी-उर्दू एकता के हामी अप्रतिम भारतीय कथाकार हैं। यहाँ प्रस्तुत हैं उनके वृहत रचना-संसार से चुने गए उद्धरण…
By हिन्दवी
जुलाई 31, 2021
प्रेमचंद (1880–1936) हिंदी-उर्दू एकता के हामी अप्रतिम भारतीय कथाकार हैं। यहाँ प्रस्तुत हैं उनके वृहत रचना-संसार से चुने गए उद्धरण…
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