क्या ज़िंदगी प्रेम का लंबा इंतज़ार है?

व्यक्तिगत समस्याएँ जहाँ तक सामाजिक हैं, सामाजिक समस्याओं के साथ ही हल हो सकती हैं। अतः व्यक्तिगत रूप से उन्हें हल करने के भ्रम का पर्दाफ़ाश किया जाना चाहिए ताकि व्यक्ति अपनी भूमिका स्पष्ट रूप से समझ सके और समाज का निर्णायक अंग बन सके।