इलाहाबाद मेरे लिए यूटोपिया में तब्दील होता जा रहा है
इलाहाबाद मेरे लिए यूटोपिया में तब्दील होता जा रहा है। वह गड्ढों-दुचकों भरा ढचर-ढूँ शहर जहाँ ढंग की कोई जीविका तक नहीं जुटा पाए हम; आज मुझे अपने स्पर्श, रूप, रस, गंध और स्वाद में सराबोर कर रहा है।
By ममता कालिया
सितम्बर 13, 2022