‘अपने मन का राज्य स्वराज है’

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपनी किताब ‘हिंद स्वराज’ में स्वराज के लिए सच्ची विकलता रखने वाले और उसके लिए संघर्ष करने वाले हिंदुस्तानी के कुछ लक्षण बताए थे/हैं। आज स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगाँठ पर ‘हिन्दवी’ ब्लॉग की शुरुआत करते हुए हम इन्हें ‘स्वराज का सार’ के रूप में याद कर रहे हैं…