क्या हम परिवार को देश की तरह देख सकते हैं
परिवार में भी कोई नया आईडिया एकदम से लागू नहीं किया जा सकता। यहां भी अगर डेमोक्रेसी लागू करनी है तो सबसे पहले व्यक्ति को खुद फुल डेमोक्रेट बनना होगा अर्थात ढेर सारा धैर्य खुद में पैदा करना होगा। बिना इस धैर्य के हम कहां तक सफल हो पाएंगे? फिर तो हम अपने परिवार की दरारों को ना तो देख पाएंगे और ना ही समझ पाएंगे। जरा सी समस्या में हम परिवार से भागना शुरू कर देंगे। लेकिन यह हमारा पीछा नहीं छोड़ता।
By ऋषभ प्रतिपक्ष
नवम्बर 28, 2022