मैंने हिंदी को क्यों चुना
मैं अब सबके साथ होते हुए भी अकेला महसूस करती थी। ऐसा नहीं है कि मेरे पास दोस्तों की कमी थी, लेकिन मैं उन सबके बीच में होते हुए भी उन लोगों को अपने दिल की बात नहीं बता पा रही थी।
By रुकैया
नवम्बर 30, 2020
मैं अब सबके साथ होते हुए भी अकेला महसूस करती थी। ऐसा नहीं है कि मेरे पास दोस्तों की कमी थी, लेकिन मैं उन सबके बीच में होते हुए भी उन लोगों को अपने दिल की बात नहीं बता पा रही थी।
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