आओ पहल करें
‘पहल’ नहीं रही। हिंदीसाहित्यसंसार में शोक की लहर है। मन मानने को राज़ी नहीं हो रहे हैं कि ‘पहल’ अब नहीं है, क्योंकि वह पहले भी एक बार अपनी राख से पुनर्जीवित हो चुकी है।
By अविनाश मिश्र
अप्रैल 7, 2021
‘पहल’ नहीं रही। हिंदीसाहित्यसंसार में शोक की लहर है। मन मानने को राज़ी नहीं हो रहे हैं कि ‘पहल’ अब नहीं है, क्योंकि वह पहले भी एक बार अपनी राख से पुनर्जीवित हो चुकी है।
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