सूक्ष्मता से देखना और पहचानना
साहित्यकार को चाहिए कि वह अपने परिवेश को संपूर्णता और ईमानदारी से जिए। वह अपने परिवेश से हार्दिक प्रेम रखे, क्योंकि इसी के द्वारा वह अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ खाद प्राप्त करता है।
By हिन्दवी
मार्च 16, 2021