विचारों में कितनी भी गिरावट हो, गद्य में तरावट होनी चाहिए

अच्छी कहानी वही है दोस्तों जिसके किरदार कुछ अप्रत्याशित काम कर जाएँ। इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि नरेशन अच्छा हो तो झूठी कहानियों में भी जान फूँकी जा सकती है। यह भी कि अगर आपके पास कहानी है तो सबसे पहले कह डालिए।

मुझे ‘एक सही ख़याल’ चाहिए

गीत चतुर्वेदी से हरि कार्की की बातचीत

गीत चतुर्वेदी (जन्म : 1977) हिंदी के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले समकालीन लेखकों में से एक हैं। कविताओं की तीन किताबों सहित उनकी दस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। उनकी कविता-पंक्तियों ने मौजूदा कविता-समय में संप्रेषण, प्रस्तुति और प्रसार के नए मानक रचे हैं। गीत के प्रसंग में यह सब कुछ इसलिए भी सुंदर और उल्लेखनीय लगता है, क्योंकि वह ख़ूब पढ़े-लिखे और नई दुनिया की समझ रखने वाले व्यक्तित्व हैं।

एक बड़ा फ़ुटबॉलर नहीं रहा

यह हमारे एक हिस्से का माराडोना है। ये क़िस्से हमारे एक हिस्से के माराडोना की श्रद्धांजलि के इस्तेमाल के लिए हैं।

बिल्लियों के नौ जीवन पाप से भरे हैं

लोक जब कुत्तों, गायों और घोड़ों को पालतू बना रहा था; तब बिल्लियाँ मनुष्य को पालतू बना रही थीं। कैट्स डोमेस्टिकेटेड ह्यूमन!

‘रचना का प्रयोजन निर्माण है, नाश नहीं’

मैंने साहित्य की किसी भी विधा में जब भी लिखा तब यह सोचकर नहीं लिखा कि मैं उक्त विधा की शर्तों को पूरा करने के लिए लिख रहा हूँ।

‘भाषा हमेशा नई होती रहती है’

अलका सरावगी से हरि कार्की की बातचीत

अलका सरावगी हिंदी की अत्यंत प्रतिष्ठित उपन्यासकार हैं। वह साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित हैं। यह पुरस्कार उन्हें उनके पहले ही उपन्यास ‘कलि-कथा : वाया बाइपास’ के लिए साल 2001 में मिला। तब से अब तक हिंदी संसार उनके नए उपन्यासों का बेसब्री से इंतिज़ार करता है।

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