मन एक डिस्ग्राफ़िया ग्रस्त बच्चे की हैंडराइटिंग है
चीज़ों को बुरी तरह टालने की बीमारी पनप गई है। एक पल को कुछ सोचती हूँ, अगले ही पल एक अदृश्य रबर से उसे जल्दबाज़ी से मिटाते हुए बीच में ही छोड़कर दूसरी कोई बात सोचने लगती हूँ। इन दिनों काम है कि लकड़ियों के गट्ठर की तरह सिर पर चढ़ता जा रहा है, एक-पर-एक, इतना काम इकट्ठा हो गया है, जिन्हें निपटाने का रत्ती भर भी मन नहीं होता।