विचारों में कितनी भी गिरावट हो, गद्य में तरावट होनी चाहिए

अच्छी कहानी वही है दोस्तों जिसके किरदार कुछ अप्रत्याशित काम कर जाएँ। इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि नरेशन अच्छा हो तो झूठी कहानियों में भी जान फूँकी जा सकती है। यह भी कि अगर आपके पास कहानी है तो सबसे पहले कह डालिए।

शब्द प्रतीक्षा कर सकते हैं

रिल्के के लिखे पत्रों में प्रेषित करने वाले का ‘धैर्य’ और पाने वाले की ‘प्रतीक्षा’ का शिल्प एकाकार हो गया है। दो भौगोलिक दूरियों पर रहते हुए भी पति-पत्नी के बीच ये पत्र-संवाद कला के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण के दुर्लभ दस्तावेज़ हैं, इसलिए प्रेम-पत्र के सामान्य अर्थों से पार चले जाते हैं।

पुकार, जो अनंत कामनाओं का अक्षत जंगल है

कविता शब्द-संभवा है। कविता शब्दों के ज़रिए ही संभव होती है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने भी ‘कविता क्या है’ में लिखा है कि कविता शब्दों का व्यापार है। इसलिए शब्द कवि के सबसे महत्त्वपूर्ण औज़ार होते हैं।

फूँक-फूँक कर लिखी गई एक किताब

मुझे होश तब आया जब सामने की गाड़ी में हरकत हुई और दृश्य आगे बढ़ने लग गया। मैं वक़्त में अभी ठहरने ही पाई थी कि जाम घुटनों के बल सरकने लगा। यह धोखा था। पर नहीं भी था।

साथ निभाने की कला

सम्बन्धों के बिना मानव जीवन कितना शांत और सरल है। लेकिन ऐसी शांति और सरलता किस काम की जिसमें मानव किसी से दो बातें न कह सके। किसी के ऊपर चिल्ला न सके। उससे झगड़ न सके। झापड़ न मार सके या बदले में उससे झापड़ न खा सके। और अगले ही क्षण उसे प्रेम न कर सके।

कविता का आधुनिक रहस्य

यह अनुभूतियों का अनात्मवाद है। कोई कल्पनाशील व्यक्ति कैसे कह सकता है कि अनंत और विस्मय से घिरी हुई सब्ज़-ओ-शादाब पृथ्वी एक विराट वृक्ष नहीं है? कहना न होगा कि सृष्टि-वृक्ष की यह उदात्त कल्पना हमारी परंपरा में रही आई है।

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